HOli poem | Maithili Poem
Poet: Gajendra Gajur
Poem : Ham Hori sa Tai Darait chhi aab., गीत: होली सा | गजेन्द्र गजुर | दुःखद कविता, होली कविता | मैथिली कविता
कवि: गजेन्द्र गजुर
कविता: हम होरी सा तै डरैत छी आब।

हम होरीसँ डेराइत छी।

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