Jai Jai Bhairavi Asur Bhayavani | Maithili Vidyapati Geet
जय जय भैरवि असुर भयावनि । lyirc
Jai jai Bhairawi Asur by Abhishesh Jha
Vidyapati Song, गीत: जय जय भैरवी असुर | अभिषेक झा, जय जय भैरवी असुर भयावनि | मैथिली विद्यापति गीत
जय जय भैरवि असुर भयावनि। गीत जय जय भैरवी असुर अभिशेष झा विद्यापति गीत

Jai Jai Bhairavi Asur Bhayavani (Maithili)
Jai Jai bhairavi Lyrics, Vidyapati
जय जय भैरवी असुर-भयाउनि, पशुपति-भामिनि माया।
सहज सुमति बर दिअ ओ गोसाउनि अनुगति गति तुअ पाया॥

बासर-रैनि सबासन सोभित चरन, चंद्रमनि चूड़ा।
कतओक दैत्य मारि मुँह मेलल, कतन उगिलि करु कूड़ा॥

सामर वरन, नयन अनुरंजित, जलद-जोग फुल कोका।
कट-कट बिकट ओठ-पुट पाँड़रि लिधुर-फेन उठ फोका॥

घन-घन-घनन धुधुर कट बाजए, हन-हन कर तुअ काता।
विद्यापति कवि तुअ पद सेवक, पुत्र बिसरु जुनि माता॥
Jay jay bahiravi lyrics on Music maithili

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