Kakhan Harab Dukh Mor । Madhav Rai
Lyric: Vidyapati, गीत: कखन हरब दुःख मोर । माधव राय, कखन हरब दुःख मोर । माधव राय
गीत: विद्यापति

कखन हरब दुःख मोर हे भोलानाथ।
दुखहि जनम भेल दुखहि गमाओल

सुख सपनहु नहि भेल हे भोला।
एहि भव सागर थाह कतहु नहि

भैरव धरु करुआर हे भोलानाथ।
भन विद्यापति मोर भोलानाथ गति
देहु अभय बर मोहि, हे भोलानाथ।
कखन हरब दुःख मोर हे भोलानाथ।

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