Chanan bhel Bisam Sari Re
चानन भेल विषम सर रे, भूषन भेल भारी।
सपनहुँ हरि नहि आएल रे, गोकुल गिरधारी॥
एकसरि ठाडि कदम-तर रे, पथ हेरथि मुरारी।
हरि बिनु हृदय दगध भेल रे, झामर भेल सारी॥
जाह-जाह तोहे ऊधब हे, तोहें मधुपुर जाहे।
चंद्रबदनि नहि जीवति रे, बध लागत काहे॥
भनइ बिद्यापति तन मन रे, सुन गुनमति नारी।
आजु आओत हरि गोकुल रे पथ चलु झटझारी॥