आबि गेलियौ, परदेश गे माए
रहबौ कोनाक तोरा बिन
रहबौ कोनाक तोरा बिन
आबि गेलियौ, परदेश गे माए
रहबौ कोनाक तोरा बिन
रहबौ कोनाक तोरा बिन
छुइट गेलौ सब टा दुआरि दलान गे
हाटके कचरी मुरही मखान गे
हाटके कचरी मुरही मखान गे
पोखर , पावन, तुलसी, सिरागू
केयो नइँ कहय गे, बउआ भोरे जागू
केयो नइँ कहय गे, बउआ भोरे जागू
लोर कऽ पोछि-पोछि
तोरे लऽ सोचि-सोचि
ताकी जीवनक उद्देस गे माए
रहबौ कोना कऽ तोरा बिन
रहबौ कोना कऽ तोरा बिन
चंदा पोछय आँचर से नोर गे
तमसा कऽ बैसल दउगगामे भोर गे
तमसा कऽ बैसल दउगामे भोर गे
बाध नऽ गाछी, अनहद शोर गे
रूसल राैदा कानइँ छौ ज़ोर से
रूसल राैदा कानइँ छौ ज़ोर से
लोर कऽ पोछि-पोछि
तोरे लऽ सोचि-सोचि
सोहे नऽ यै हमरा ई देस गे….माए (माँ )
रहबौ कोना कऽ तोरा बिन
रहबौ कोना कऽ तोरा बिन
आबि गेलियौ, परदेश गे माए
रहबौ कोना कऽ तोरा बिन
हो….रहबौ कोना कऽ तोरा बिन
रहबौ कोना कऽ तोरा बिन
रहबौ कोना कऽ तोरा बिन