केरवा जे फरल छै घौद सँ
ओइ पर सुगा मड़राय
मारबौ रे सुगबा धनुष सँ
सुगा खसल मुरझाय
सुगनी जे कानय वियोग सँ
आदित होउ ने सहाय
नेमुआ जे फरल छै घऊर सँ
ओइ पर सुगा मड़राय
मारबौ रे सुगबा धनुष सँ
सुगा खसल मुरझाय
घरे घर करियौ इजोर
झहरे ने एको आँखि नोर
सूखे नै गंगा जी के धार
जुग जुग पूजी अहिना ठाढ़
छठि मैया जीवैत मरैत
छुटे नई छठि के बरत
कोसिया भराये सब साल
गोदिया में खेलय लछमी लाल
सूप में केरा नारियल उईंख
हरिहा घाटे घाटे दुख
हरिहा घाटे घाटे.....
पथिया के भारी लागे ने भार
सजल अछि चुनरी लाल रतनार
सुगा आब पाबि गेलै ज्ञान
घऊर अइठायत ने खायत बान
मंगै छी माय आँचर पसारि
जगमग करे सबके दुआरि